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🇮🇳नहीं रहे कैप्टन प्रभुनाथ यादव,😭🇮🇳🇮🇳भारतीय सेना में देश की सेवा और सुरक्षा करने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग अलख जगाने वाले मणिद्वीप बालिका इंटर कालेज शाहपुर रानीगंज प्रतापगढ़ के संस्थापक/प्रबंधक कैप्टन प्रभुनाथ यादव जी का आकस्मिक निधन हो गया। वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर से क्षेत्रवासियों में शोक की लहर हो गई। वहीं शोक संवेदना व्यक्त करते हुए लोगों ने समाज और शिक्षा जगत की अपूर्णीय क्षति बताया है। लोगों ने ऐसे वीर सपूत और पुरोधा को नमन करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दीॐ शांति 🇮🇳🇮🇳जय हिंद

🇮🇳नहीं रहे कैप्टन प्रभुनाथ यादव,😭🇮🇳🇮🇳भारतीय सेना में देश की सेवा और सुरक्षा करने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में एक अलग अलख जगाने वाले मणिद्वीप बालिका इंटर कालेज शाहपुर रानीगंज प्रतापगढ़ के संस्थापक/प्रबंधक कैप्टन प्रभुनाथ यादव जी का आकस्मिक निधन हो गया। वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की खबर से क्षेत्रवासियों में शोक की लहर हो गई। वहीं शोक संवेदना व्यक्त करते हुए लोगों ने समाज और शिक्षा जगत की अपूर्णीय क्षति बताया है। लोगों ने ऐसे वीर सपूत और पुरोधा को नमन करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि दीॐ शांति 🇮🇳🇮🇳जय हिंद Read More »

पीएम मोदी का अरब न्यूज के साथ इंटरव्यू

भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सऊदी अरब के साथ भारत के बढ़ते संबंधों की “असीम संभावनाओं” की प्रशंसा की है

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*आपके पास केवल 5 दिन का समय…’ भारत का पकिस्तानियों को अल्टीमेटम, क्या है PAK का रिएक्शन?:Aaj  news 24

भारत के एक्शन के बाद पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग में सैन्य सलाहकारों को 30 अप्रैल तक चले जाने को कहा

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’जगन्नाथ मंदिर के ऊपर ‘पवित्र वस्त्र’ के साथ उड़ते हुए चील ने अटकलों को हवा दी: ‘बुरा शगुन?’

पुरी में जगन्नाथ मंदिर के पास एक असामान्य घटना ने हाल ही में इंटरनेट का ध्यान खींचा है, जिससे विभिन्न

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जगन्नाथ मंदिर एक विश्वप्रसिद्ध हिन्दू तीर्थस्थल है जो पुरी, ओडिशा में स्थित है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है, और यह भारत के चार धामों में से एक है .       
मुख्य विशेषताएँ:

1. मंदिर का इतिहास:
इसे 12वीं शताब्दी में राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने बनवाया। 
यह मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से “कलिंग शैली” का अद्भुत उदाहरण है।
2. मुख्य देवता:
भगवान जगन्नाथ (कृष्ण का रूप)
भगवान बलभद्र (कृष्ण के भाई)
देवी सुभद्रा (कृष्ण की बहन)
इनकी मूर्तियाँ लकड़ी की बनी होती हैं, जो कि अन्य किसी भी प्रसिद्ध मंदिर से अलग है।
3. पौराणिक कथा (संक्षेप में):
कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के शरीर के अंतिम अवशेष (नाभि) को एक लकड़ी के लठ्ठे में बदल दिया गया था। भगवान विष्णु ने एक वृद्ध बढ़ई का रूप लिया और उस लकड़ी से मूर्तियाँ बनाईं, लेकिन बिना देखे। राजा ने अधीर होकर दरवाजा खोला और मूर्तियाँ अधूरी रह गईं। वही अधूरी मूर्तियाँ आज भी पूजा में हैं – यही जगन्नाथ स्वरूप
4. रहस्यमयी बातें:
मंदिर का ध्वज हवा के विपरीत दिशा में लहराता है।
रसोई में हर दिन 56 भोग बनते हैं, और न कभी कम होता है, न ज़्यादा।
मंदिर की ऊँचाई इतनी है कि उसके ऊपर से मंदिर की छाया कभी ज़मीन पर नहीं पड़ती (कहा जाता है)।
5. रथ यात्रा:
साल में एक बार (जून-जुलाई), भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा निकाली जाती है।
तीन विशाल रथों में मूर्तियों को गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है।
लाखों श्रद्धालु इसमें भाग लेते हैं, और इसे खींचने को सबसे बड़ा पुण्य मानतेहै

जगन्नाथ मंदिर एक विश्वप्रसिद्ध हिन्दू तीर्थस्थल है जो पुरी, ओडिशा में स्थित है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है, और यह भारत के चार धामों में से एक है .       
मुख्य विशेषताएँ:

1. मंदिर का इतिहास:
इसे 12वीं शताब्दी में राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने बनवाया। 
यह मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से “कलिंग शैली” का अद्भुत उदाहरण है।
2. मुख्य देवता:
भगवान जगन्नाथ (कृष्ण का रूप)
भगवान बलभद्र (कृष्ण के भाई)
देवी सुभद्रा (कृष्ण की बहन)
इनकी मूर्तियाँ लकड़ी की बनी होती हैं, जो कि अन्य किसी भी प्रसिद्ध मंदिर से अलग है।
3. पौराणिक कथा (संक्षेप में):
कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण के शरीर के अंतिम अवशेष (नाभि) को एक लकड़ी के लठ्ठे में बदल दिया गया था। भगवान विष्णु ने एक वृद्ध बढ़ई का रूप लिया और उस लकड़ी से मूर्तियाँ बनाईं, लेकिन बिना देखे। राजा ने अधीर होकर दरवाजा खोला और मूर्तियाँ अधूरी रह गईं। वही अधूरी मूर्तियाँ आज भी पूजा में हैं – यही जगन्नाथ स्वरूप
4. रहस्यमयी बातें:
मंदिर का ध्वज हवा के विपरीत दिशा में लहराता है।
रसोई में हर दिन 56 भोग बनते हैं, और न कभी कम होता है, न ज़्यादा।
मंदिर की ऊँचाई इतनी है कि उसके ऊपर से मंदिर की छाया कभी ज़मीन पर नहीं पड़ती (कहा जाता है)।
5. रथ यात्रा:
साल में एक बार (जून-जुलाई), भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा निकाली जाती है।
तीन विशाल रथों में मूर्तियों को गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है।
लाखों श्रद्धालु इसमें भाग लेते हैं, और इसे खींचने को सबसे बड़ा पुण्य मानतेहै
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”22 लोग, 45 पशुओं की मौत और 15 मकान क्षतिग्रस्त…यूपी में आंधी-तूफान और बिजली के कहर ने मचाई तबाही;;AAJ News 24

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के अनुसार प्रदेश में गुरुवार

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मुनंबम गांव में खुशी की लहर, 50 लोग भाजपा में हुए शामिल; जानें पूरा मामला

A संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पास होते ही केरल के मुनंबम में 50 लोगों ने शुक्रवार को प्रदेश भाजपा

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Ram Navami 2025: अयोध्या सज धज कर तैयार, रामनवमी पर फिर होगा रामलला का सूर्य तिलक, जानें क्या है पूरा शेड्यूल?
Ram Navami 2025: अयोध्या में रामनवमी धूमधाम से मनाई जाएगी. इस मौके पर रामलला एक विशेष तरह की पोशाक में दिखेंगे. जन्मोत्सव पर रामलला राजकुमार की तरह सज-धजकर श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे. पढ़िए पूरी डिटेल…
A
            
Ram Navami 2025: प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के लिए अयोध्या पूरी तरह से सज संवर कर तैयार है. रामनगरी में आज भव्यता के साथ तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. 6 अप्रैल को यहां जय श्रीराम की गूंज होगी. इस दिन रामनवमी में 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावनाएं जताई जा रही है. जिसको लेकर प्रशासन ने सुरक्षा का खाका तैयार किया है. 4 अप्रैल से ही राम मंदिर परिसर में भगवान के जन्म को लेकर धार्मिक अनुष्ठानों का सिलसिला शुरू हो गया है. यहां सभी मठ मंदिरों को भी सजाया गया है. यहां श्रीराम के जन्मोत्सव में शामिल होने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु दर्शन करने आएंगे.

महाकुंभ में जुटा था श्रद्धा का सैलाब
महाकुंभ के दौरान रोजाना 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु रामनगरी आ रहे थे. 45 दिनों में पौने दो करोड़ श्रद्धालुओं ने आराध्य का दर्शन किया था. रामनवमी को श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा और सुगमता के साथ दर्शन कराने के लिए अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार और कमिश्नर गौरव दयाल खुद ग्राउंड जीरो पर उतरे हैं. श्रद्धालुओं को अयोध्या में किसी तरह की असुविधा न हो इसको लेकर सारी तैयारियां की गई है. पूरे मेला क्षेत्र को जोन और सेक्टर में बांटा गया है.

रामनवमी को राम लला का सूर्य तिलक
राम जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं को बड़ी बेसब्री से सूर्य तिलक का इंतजार हैं. कल दोपहर 12 बजे प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव होगा. प्रभु के कुल देवता भगवान सूर्य भी जन्मोत्सव में मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम का 4 मिनट तक सूर्य तिलक करेंगे. रामनवमी को सुबह 9:30 बजे से रामनवमी में प्रभु का अभिषेक प्रारम्भ होगा. 10:30 बजे पट बंद कर प्रभु का श्रृंगार का कार्यक्रम तो 10:50 बजे प्रभु का अभिषेक और श्रृंगार दर्शन होगा, जिसका लाइव प्रसारण किया जाएगा.11:50 बजे पट बंद होगा और भोग की तैयारी होगी. जिसके बाद वो पल आएगा. जिसका पूरे देश ही नहीं विश्व को इंतजार होगा. जब भगवान का दोपहर में ठीक 12:00 जन्म होगा. उसके बाद सूर्य तिलक और प्राकट्य की आरती होगी. इसी दौरान 56 भोग लगाया जाएगा.

रामनगरी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
रामनगरी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. अयोध्या में बैरिकेडिंग लगा दी गई है. कई जगह होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं. भीड़ बढ़ने पर श्रद्धालुओं को होल्डिंग एरिया में रोका जाएगा. वहीं से धीरे-धीरे श्रद्धालुओं को छोड़ा जाएगा. ताकि, श्रद्धालु आसानी से प्रभु का दर्शन कर सके. सीसीटीवी, ड्रोन कैमरे और आधुनिक सुविधाओं से अयोध्या की निगरानी की जा रही यलो जोन में बकायदा कंट्रोल रूम बनाया गया हैं और वही से अयोध्या तीसरी आंख के माध्यम से निगरानी की जाती है. किसी भी स्थान पर कोई संदिग्ध इनपुट मिलता है, तो तत्काल कन्ट्रोल रूम की सूचना पर पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच कर कार्यवाही करती है.

           

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Ram Navami 2025: अयोध्या सज धज कर तैयार, रामनवमी पर फिर होगा रामलला का सूर्य तिलक, जानें क्या है पूरा शेड्यूल?
Ram Navami 2025: अयोध्या में रामनवमी धूमधाम से मनाई जाएगी. इस मौके पर रामलला एक विशेष तरह की पोशाक में दिखेंगे. जन्मोत्सव पर रामलला राजकुमार की तरह सज-धजकर श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे. पढ़िए पूरी डिटेल…
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Ram Navami 2025: प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव के लिए अयोध्या पूरी तरह से सज संवर कर तैयार है. रामनगरी में आज भव्यता के साथ तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. 6 अप्रैल को यहां जय श्रीराम की गूंज होगी. इस दिन रामनवमी में 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावनाएं जताई जा रही है. जिसको लेकर प्रशासन ने सुरक्षा का खाका तैयार किया है. 4 अप्रैल से ही राम मंदिर परिसर में भगवान के जन्म को लेकर धार्मिक अनुष्ठानों का सिलसिला शुरू हो गया है. यहां सभी मठ मंदिरों को भी सजाया गया है. यहां श्रीराम के जन्मोत्सव में शामिल होने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु दर्शन करने आएंगे.

महाकुंभ में जुटा था श्रद्धा का सैलाब
महाकुंभ के दौरान रोजाना 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालु रामनगरी आ रहे थे. 45 दिनों में पौने दो करोड़ श्रद्धालुओं ने आराध्य का दर्शन किया था. रामनवमी को श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा और सुगमता के साथ दर्शन कराने के लिए अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार और कमिश्नर गौरव दयाल खुद ग्राउंड जीरो पर उतरे हैं. श्रद्धालुओं को अयोध्या में किसी तरह की असुविधा न हो इसको लेकर सारी तैयारियां की गई है. पूरे मेला क्षेत्र को जोन और सेक्टर में बांटा गया है.

रामनवमी को राम लला का सूर्य तिलक
राम जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं को बड़ी बेसब्री से सूर्य तिलक का इंतजार हैं. कल दोपहर 12 बजे प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव होगा. प्रभु के कुल देवता भगवान सूर्य भी जन्मोत्सव में मर्यादापुरुषोत्तम श्रीराम का 4 मिनट तक सूर्य तिलक करेंगे. रामनवमी को सुबह 9:30 बजे से रामनवमी में प्रभु का अभिषेक प्रारम्भ होगा. 10:30 बजे पट बंद कर प्रभु का श्रृंगार का कार्यक्रम तो 10:50 बजे प्रभु का अभिषेक और श्रृंगार दर्शन होगा, जिसका लाइव प्रसारण किया जाएगा.11:50 बजे पट बंद होगा और भोग की तैयारी होगी. जिसके बाद वो पल आएगा. जिसका पूरे देश ही नहीं विश्व को इंतजार होगा. जब भगवान का दोपहर में ठीक 12:00 जन्म होगा. उसके बाद सूर्य तिलक और प्राकट्य की आरती होगी. इसी दौरान 56 भोग लगाया जाएगा.

रामनगरी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
रामनगरी में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. अयोध्या में बैरिकेडिंग लगा दी गई है. कई जगह होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं. भीड़ बढ़ने पर श्रद्धालुओं को होल्डिंग एरिया में रोका जाएगा. वहीं से धीरे-धीरे श्रद्धालुओं को छोड़ा जाएगा. ताकि, श्रद्धालु आसानी से प्रभु का दर्शन कर सके. सीसीटीवी, ड्रोन कैमरे और आधुनिक सुविधाओं से अयोध्या की निगरानी की जा रही यलो जोन में बकायदा कंट्रोल रूम बनाया गया हैं और वही से अयोध्या तीसरी आंख के माध्यम से निगरानी की जाती है. किसी भी स्थान पर कोई संदिग्ध इनपुट मिलता है, तो तत्काल कन्ट्रोल रूम की सूचना पर पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच कर कार्यवाही करती है.
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